कौन अपना कौन पराया । ये बात ! अभी तक नहीं समझ पाया ।। परायो में कोई अपना , अपनों में पराया अक्सर नज़र आया ।। कुछ भी नहीं है पक्का, जीवन के सफ़र में यारा । कौन कब देगा धोखा , ये कोई नहीं परख पाया ।।
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