कौन अपना कौन पराया । ये बात ! अभी तक नहीं समझ पाया ।।
परायो में कोई अपना , अपनों में पराया अक्सर
नज़र आया ।।
कुछ भी नहीं है पक्का, जीवन के सफ़र में यारा ।
कौन कब देगा धोखा , ये कोई नहीं परख पाया ।।
परायो में कोई अपना , अपनों में पराया अक्सर
नज़र आया ।।
कुछ भी नहीं है पक्का, जीवन के सफ़र में यारा ।
कौन कब देगा धोखा , ये कोई नहीं परख पाया ।।
कई बार लोगो ने समझाया , मै नहीं समझ पाया ।
जिस किसी से हमने की उम्मीद, ठोकरों वहीं से खाया।।
स्वामी राम शंकर
जिस किसी से हमने की उम्मीद, ठोकरों वहीं से खाया।।
स्वामी राम शंकर
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